रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यहां अपने निवास कार्यालय में दिव्यांगता पर आधारित पुस्तक “दिव्यांगता: चुनौतियों से अवसर तक” का विमोचन किया। इस कृति को के. शारदा, प्रीति शांडिल्य और डॉ. अभिनव मिश्रा ने सह-लेखक के रूप में तैयार किया है।
मुख्यमंत्री को पुस्तक के लेखकों ने बताया कि यह किताब छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं, संसाधनों और सुविधाओं का व्यापक विवरण प्रस्तुत करती है। इसके अतिरिक्त, यह दिव्यांगता प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया, दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं और अधिकारों से संबंधित जानकारी प्रदान करती है। समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से यह पुस्तक शिक्षकों और दिव्यांगजनों के परिवारजनों को प्रशिक्षण देने और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने पर भी केंद्रित है। इसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों के दिव्यांगजनों की 15 प्रेरणादायक कहानियों को भी शामिल किया गया है, जो उनकी अदम्य इच्छाशक्ति, चुनौतियों पर विजय और असाधारण धैर्य की मिसाल पेश करती हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लेखकों द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय को उजागर करने की पहल की प्रशंसा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक न केवल दिव्यांग समुदाय बल्कि समूचे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह पुस्तक समाज में दिव्यांगजनों के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक के लेखकगण के. शारदा एवं प्रीति शांडिल्य शासकीय विद्यालयों में शिक्षिकाएं हैं, जबकि डॉ. अभिनव मिश्रा एक पत्रकार हैं। दुर्ग जिले की के. शारदा, जो स्वयं भी दिव्यांग हैं, को हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। धमतरी जिले की शासकीय विद्यालय की शिक्षिका प्रीति शांडिल्य को राज्यपाल पुरस्कार 2024 के लिए चयनित गया है। वहीं, डॉ. अभिनव मिश्रा को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अंग्रेज़ी पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए उनके कार्यों के लिए सराहा जा चुका है। पुस्तक विमोचन के अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप व शांतनु सिन्हा भी उपस्थित थे।